देखो आज मैं आप के लिए क्या लेके आया हूँ मेरे प्यारे भाइयो और मेरी प्यारी प्यारी बहनो। आज मैं आप सभी के लिए डोसा लेके आया है कल मैंने आप को इडली खिलाया था वो भी साउथ इंडिया खाना है और ये डोसा भी साउथ इंडिया में ही ज्यादा चलता है। डोसा और इडली साउथ के लोगो को बहुत पसंद है। वैसे पसंद तो मुझे भी है और आप को पता है उधर अधिकतर केले के पत्ते में खाना खाते है। उनके लिए वही प्लेट है और रेस्टोरेंट में भी कई जगह वैसा ही खाना मिलता है केले के पत्ते में।
अब मुझे इस बारे में नहीं पता की वो आखिर केले के पत्ते में क्यों कहते है अगर पता चलेगा तो मैं आप लोगो को जरूर बताऊंगा और अगर आप को पता है तो फिर मुझे जरूर बताना। वैसे आज तक मैंने कभी नहीं खाया है केले के पत्ते में। और इधर तो कही केले का पेड़ ही नहीं है और ना ही कही केला का पत्ता मिलता है। वैसे साला केला बहुत महंगा हो गया है यार मैं सोचा था केले खाऊंगा लेकिन ये साला 70 रुपया दर्जन मिल रहा है अब इतना महंगा कौन खाये।
अच्छा आप लोग बताओ आप लोगो ने कभी केले के पत्ते में खाया है की नहीं ? चलिए कोई बात नहीं अगर नहीं खाया है तो फिर कभी साउथ इंडिया जाना हुआ तब ये अनुभव जरूर आजमाना। मैं भी कभी ना कभी घूमने तो जाऊँगा ही तब मैं भी ये आज माउंगा। उधर सायद केले के पेड़ बहुत होंगे और वहा तो भाई केले की खेती करने में बहुत फायदा है क्यों की केला भी बिक जाएगा और केले का पत्ता भी बिक जाएगा।
खैर डोसा और इडली कमाल की चीज है मैंने कई बार खाया है। हमारे यहाँ ये रोज नहीं मिलता मेरा मतलब रोज नहीं बनता है। कभी कभी बनता है और खाने में बहुत ही ज्यादा मजा आता है। चलो भाई लोग अब मैं भी चलता हूँ आप सब लोग बताना जरूर की आप लोगो को डोसा कैसा लगता है। और भाई लोग हो सके तो मेरी पोस्ट को रेस्टीम कर देना ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस पोस्ट को देख सके। इतना तो कर ही सकते हो आप सभी लोग है की नहीं। और एक बात दुवा में याद रखना मेरे भाई लोग।
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