कमल के समान पवित्र जीवन
कमल के समान पवित्र जीवन
अन्य पुरुषों की अपेक्षा कमल की यह विशेषता है की वह पानी में रहकर भी पानी से ऊपर उठकर अलिप्त रहता है। कमल का नाम 'पंकज' भी है क्योंकि यद्द्पि वह कीचड़ में जन्म लेता है तथापि कीचड़ उसे स्पर्श नहीं कर पाता। इसलिए भारत के आध्यात्मिक साहित्य में अथवा धार्मिक वाग्ड़मय में कमल को अलिप्त एवं पवित्र जीवन का प्रतिक माना गया है।
कमल में एक और भी विशेषता है। इस फूल का अपना ही एक कुटुंब अथवा परिवार होता है जिसके सदस्य कमल -ककड़ी और कमल गट्टा इत्यादि होते हैं परन्तु इन सबके साथ रहते हुए भी कमल इनसे न्यारा और प्यारा बना रहता है। इसी प्रकार , जो लोग मोह ,मद ,मत्सर इत्यादि से भरे इस संसार में अपने पारिवारिक जीवन के कर्तव्यों को निभाते हुए भी इनसे अलिप्त रहते हैं ,वे भी कमल के समान ही हैं।
Thanks for read this post.
Regards
@himanshurajoria
(Himanshu Rajoria)
बड़ा ही खूबसूरत लिखा है आपने. कमल ही है जो कीचड़ में खिलता है.
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