मरुस्थल में शौर्य
नमस्कार साथियो
हाल ही में मरुस्थल में घूमने का मौका मिला। हालाँकि मैं पश्चिमी राजस्थान का रहने वाला हूँ, तो रेतीले टीबो से मेरा लगाव कुछ ज्यादा ही हैं। अक्सर मैं उन्हें करीब से देखने चला जाता हूँ। वैसे भी बाबा रामदेवजी का मंदिर रामदेवरा और तनोट माता का मंदिर मेरे आराध्य स्थल हैं, तो मैं यहां जाना अपने लिए जरूरी समझता हूँ।
जैसे की मेरा हर भारतीय भाई ये जानता हैं , कि १९७१ के भारत पाकिस्तान युद्ध में तनोट माता के मंदिर को तोड़ने के लिए पाकिस्तान ने ३०० गोले बरसाए, लेकिन माँ की कृपा से एक भी नहीं फटा और मंदिर का बाल भी बांका नहीं हुआ। उस समय ये मंदिर भारतीय सेना के लिए एक अभेद्य शरण स्थली था, क्योकि नजदीक में और कोई ठिकाना नहीं था।
माँ तनोट राय के मंदिर में आज भी भारतीय सीमा सुरक्षा बल ही सेवा पूजा करता हैं , तथा वहा जाने वाले प्रत्येक यात्री के रहने और खाने की निःशुल्क व्यवस्था भी उन्ही की तरफ से हैं।
यहां जब हम पहुंचे और माँ तनोट के मंदिर में सैनिको द्वारा की जाने वाली आरती का दृश्य देखा तो हम अभिभूत हो गए। यहां हमने सैनिको को एक अलग ही अंदाज में देखा।
शुबह की आरती के दर्शन कर के जब हम वापिस रवाना होने को थे, तो वहां पर हमे ये बताया गया कि, लगभग २० किलोमीटर की दूरी पर लोंगे वाला युद्ध क्षेत्र हैं , जहा भारत की सेना की वीरता और शौर्य को प्रत्यक्ष देखा जा सकता हैं।
मंदिर में तो हमने वो जीवित गोले देखे ही थे, जो पाक ने मंदिर को ध्वस्त करने के लिए गिराए।
हम खुद को रोक नहीं पाए और जा पहुंचे लोंगेवाला।
१९७१ में पाकिस्तान ने भारत पर अचानक इस तरफ से हमला कर दिया। भारत के दक्षिण पश्चिम में तो युद्ध चल ही रहा था, इस तरफ भारत के बहुत कम सेनिक तैनात थे। रात्रि के समय अचानक हुए हमले का भारतीय सेनिको ने डटकर मुकाबला किया और पाकिस्तान की पूरी रेजिमेंट जो टेंकरो और हथियारों से लेस थी, हार मानकर वापिस भागना पड़ा।
लोंगेवाला पहुँच कर हमने भारतीय सेना के अद्भुत शौर्य को प्रत्यक्ष देखा। आज भी पाक सेना के वो टेंकर, हथियार और वाहन ज्यों के त्यों पड़े हुए हैं। मात्र चंद सैनिको ने पूरी रेजिमेंट से टक्कर ली, भी सिमित हथियारों के साथ। जबकि सामने वाली सेना के पास टेंकर और बड़े हथियार थे। और दुश्मन सेना पूरी तैयारी के साथ मैदान में थी।
देखकर बहुत गर्व हुआ।
यहां पर भी इस शौर्य स्थल को देखने आने वालो के लिए सेना की तरफ से केंटीन में अच्छी व्यवस्था हैं। मिनी थियेटर में शौर्य गाथा को दर्शाने वाली फिल्म भी दिखाई जाती हैं।
मेरा मानना हैं कि प्रत्येक भारतीय को इसे देखना चाहिए। कैसे इतनी विपरीत परिस्तिथियों में सैनिक अपने देश के स्वाभिमान के लिए मर मिटने को तैयार रहते हैं।
जय हिन्द , जय भारत
आपका -- indianculture1
wow....
Very good Post...
Thanks bro.
Posted using Partiko Android
You got a 3.93% upvote from @upme thanks to @indianculture1! Send at least 3 SBD or 3 STEEM to get upvote for next round. Delegate STEEM POWER and start earning 100% daily payouts ( no commission ).
Jai hind
Are you from jodhpur?
Posted using Partiko Android
Yes
Posted using Partiko Android
Contact me on Telegram t.me/makemoneyofficial
Posted using Partiko Android
Are you from jodhpur ?
Posted using Partiko Android
yes
Good informative article...
good photographs...
Thanks frend.
Posted using Partiko Android