A thought

in #thought5 years ago

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Pixabay

आज मै आपलोगों के सामने कबीरदास जी का बहुत ही लोकपिरीय दोहे को प्रस्तुत करने जा रहा हूँ।
यहाँ कबीर जी ने संसार के सारे लोगो को दो शब्द में कहा है कि:-

दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करै न कोय।
जो सुख में सुमिरन करे दुःख काहे को होय ॥

अर्थ : कबीर दास जी कहते हैं कि दुःख के समय सभी भगवान् को याद करते हैं पर सुख में कोई नहीं करता। यदि सुख में भी भगवान् को याद किया जाए तो दुःख हो ही क्यों !

अक्सर ये देखा जाता है की इस धरती में जब लोगो को मुसीबत से सामना होता है तो अक्सर लोग उसी समय ईस्वर का नाम लेते है और सुख के समय में ईस्वर को भूल जाते है।
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Here the great writer kabira wanna say:-

In trouble time worship god everyone
But happiness time no one
If we worship god happiness time
Why trouble will come.

Often we see people worship god in trouble time and happy time they forget god and here kabir wanna suggest us we should worship god in happiness and trouble both time :-

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