गुड मॉर्निंग

in #cn5 years ago

मान, सम्मान, अपमान आदि इन्सान को बहुत ज्यादा प्रभावित करते हैं। जब इन्सान सम्मानित होता हैं, तब उसका शरीर खुश होने वाले हार्मोन्स श्रावित करता हैं, उसे बहुत अच्छा लगता हैं। उन पलों को वो बार बार जीना चाहता हैं। किसी भी इन्सान के लिये सम्मानित होने वाले पल अविस्मरणीय होते हैं।
सम्मानित करने से, सम्मानित होने वाले को मोटीवेसन मिलता हैं, वो प्रेरित होता है बार बार अच्छे काम करने के लिये। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि अच्छा करने वाले को मोटीवेट किया जाना ही चाहिए, जिससे उसको और उसे सम्मानित होते हुए देखने वाले को प्रेरणा मिलती है, और ज्यादा अच्छा करने की।
जिस प्रकार से अच्छा करने वाले को सम्मानित करना आवश्यक हैं, उसी प्रकार से गलत करने वाले को तिरस्कृत करना आवश्यक हैं। इन्सान जब अपमानित होता हैं, तो उसका शरीर इस प्रकार के हार्मोन्स श्रावित करता हैं, कि वो, उसका दिमाग, उसका शरीर कोई भी इस प्रकार के काम करने को तैयार नही होगा, जिससे उनको अपमानित होना पड़े।
सम्मान और अपमान दोनो ही अपनी अपनी जगह पर अति आवश्यक हैं। मेरा तो यहाँ तक मानना हैं, कि सम्मान से भी ज्यादा आवश्यक हैं अपमान। सम्मान समय पर नही किया जाय,तो कोई बात नही, अगले अवसर पर करके भी अच्छा करने वाले को मोटीवेट किया जा सकता हैं। लेकिन अपमान, गलत करने वाले का समय से नही किया जाय तो अगले अवसर तक खुद इतना बेशर्म हो जायेगा कि, उसके बाद उसके उपर तिरस्कार या अपमान का ज्यादा कोई असर नही होगा।
नमस्कार
सुप्रभात

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