hindi ghazal

in #hindi6 years ago

hindi ghazlal for love

किसी के प्यार के क़ाबिल नहीं है
मुहब्बत के लिए ये दिल नहीं है

बड़ा ही ग़मज़दा बे आसरा है
जे कुछ भी हो मगर बुज़दिल नहीं है

मुहब्बत में बला की चोट खाई
बहुत तड़पा है पर घायल नहीं है

ये परछाई किसी हरजाई की है
मेरा साया तो ये बिल्कुल नहीं है

मेरी आँखों से गुमसुम रोशनी है
मेरी नज़रों से वो ओझल नहीं है

मुझे जो जान से है बढ़ के प्यारा
क्यों मेरे दर्द में शामिल नहीं है

मुहब्बत चाँद से वो क्या करेगी
चकोरी जैसी जो पागल नहीं है

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