My first Shayari (poetry)

in #poetry7 years ago

I write hindi poetry as Lamha, my pen name. This is my first small shayaris written long back:

सालों इंतज़ार के बाद उनका एक पैगाम आया...
समझ नहीं आता, पैगाम देख कर खुश हो या तारीख देख कर |

हम तो तन्हा ही आये थे और तन्हा ही चले जायेंगे,
अए ज़माने, तू उनको बेवफा न कहना |

अगर कोई हमसफ़र मिल जाये तो मीलों चले जाएँ...
अकेले में तो राह का हर पेड़ मील का पत्थर लगता है |

शायर तो हम हमेशा से थे,
पर इस दुनियादारी की भाग-दौड़ में हम खुद को ही भुला बैठे |

हमें न निकालो उनके ख्यालों से बाहर,
कुछ तो रहने दो जीने के लिए, हमारी सांस तो कब की बंद है |

तुम्हारा साथ था तो हस्ते हुए ऊंचाईयां छूते चले गए,
जब से तुम गए तब से ये रस्ते भी बेगाने लगते है |

--- लम्हा (Lamha)

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