हमारे आराधना स्थल

in #sanatan6 years ago (edited)

श्री विश्वकर्मा भगवान मंदिरसिरोही



अरावली पर्वत श्रृंखला की सिरणवा पहाड़ी की गोद में बसे सिरोही शहर के हृदय स्थल पर
सुरम्य
भगवान विश्वकर्माजी विराजमान हैं ।कुम्हारवाडा क्षेत्र के सुधारों के वास में ये मन्दिर स्थित हैं। इस सृष्टि में
शिल्पकला के आराध्य देव भगवान श्री विश्वकर्माजी का ये मंदिर आसपास के अन्य सभी मंदिरों से पुराना
हैं। राजशाही के जमाने में सिरोही रियासत के राजमिस्त्री श्री विसाजी सुथार के अथक प्रयास से इस मंदिर
की स्थापना विक्रम संवत् 1971, जेठ शुक्ला बारस वार शुक्र को यानि 93 वर्ष पूर्व सन् 1914 के अप्रेल माह
में इसकी प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। प्रारम्भ में ये मंदिर नौ परगनों का था जिसमें वर्तमान 6 परगनों के अतिरिक्त
आबू गोढ़ साठ तथा कुंडाल परगना भी शामिल था। मगर जब दांतराईशिवगंज व मंडार में ये मंदिर बन गए
तो वे अलग हो गए।
समय के साथ-साथ इसकी व्यवस्था में परिवर्तन आता गया। इस मंदिर में श्री विश्वकर्मा जयंती के
अलावा मेले की स्थापना कीगई जो वार्षिक मेले के रूप में विक्रम संवत् 2015 वैशाख शुक्ला छठ शुक्र के
दिनांक 24.05.58 के प्रारंभ हुआ तब से ये मेला प्रतिवर्ष आयोजित होता हैं।
इस मंदिर में श्री गणेशजी, श्री सत्यनारायणजी, श्री हनुमानजीश्री सोमनाथ महादेवजी, तथा नवग्रह
देवताओं के भी मंदिर हैं। भगवान श्री गणपतिजी के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा विक्रम संवत् 2037 वैशाख शुक्ला
सप्तमी दिनांक 21.04.80 सोमवार को मंदिर परिसर में ही की गई। इस मंदिर की व्यवस्था 6 परगनों के 78
गाँवों के 1237 घरों द्वारा चुनी हुई 30 सदस्य कमेटी करती हैं।


Follow me
20180920_113455_0001.png

Coin Marketplace

STEEM 0.30
TRX 0.12
JST 0.034
BTC 63877.55
ETH 3143.56
USDT 1.00
SBD 3.97